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The NSBT Anthem - न हि ज्ञानेन सद ृशं पवित्रमिह विद्यते
न हि ज्ञानेन सदृशं पविन्रमिह विद्यते.
ज्ञान की रोशनी से,हर अंधेरा है मिटता,
मन में जब उजाला, हर सपना सच्चा दिखता
न हि ज्ञानेन सटृशं, ये जग का सत्य महान,
विदया है जो पावन, वो बनाती हमे इंसान
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते..
सच्चाई की राहों पर, चलते हैं हम जब भी,
ज्ञान उसका साथी है,जो मुश्किल उसमे भी,
विदया का दीप जले, हर दिल में बस ज्ञान बसे,
यही है हमारा पथ, हर पल इससे सजे।
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते.
न हि ज्ञानेन सदृशं, there is nothing purer you'll find,
ज्ञान ही हमारा धर्म, for the body, soul and mind
अंतःकरण की शुद्धि से, खुलते हर जीवन द्वार,
ज्ञान की ज्योति जलाकर, उज्जवल बने विचार
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते.
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